पाई-पाई को मोहताज पाकिस्तान के चरमपंथी, वजह कहीं भारत तो नहीं

पाकिस्तान ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में चल रही फ़ाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (एफ़एटीएफ़) की बैठक में ग्रे लिस्ट से निकलने के लिए पिछले छह महीनों के दौरान जिस मामले पर सबसे ज़्यादा काम किया है वह है चरमपंथ और प्रतिबंधित संगठनों को मिलने वाली आर्थिक मदद की रोकथाम.


पाकिस्तान की संबंधित एजेंसियों ने इस अवधि के दौरान पाँच हज़ार से ज़्यादा बैंक खाते बंद करने के अलावा उन खातों में जमा धनराशि को भी ज़ब्त किया है.


चरमपंथ की रोकथाम करने वाली राष्ट्रीय एजेंसी नेक्टा के अधिकारियों ने कहा कि इस संबंध में पाकिस्तान में क़ानून लागू करने वाली एजेंसियों ने प्रतिबंधित किए जा चुके संगठनों और चरमपंथी संगठनों के पदाधिकारियों और अन्य सदस्यों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है.


इन संगठनों और व्यक्तियों की संपत्तियों को भी ज़ब्त कर लिया गया है जिनकी क़ीमत करोड़ों में बताई जाती है.


पाकिस्तान को चरमपंथियों को मिलने वाले आर्थिक मदद को रोकने में कथित रूप से विफल होने के बाद पिछले साल अगस्त में ग्रे लिस्ट में शामिल किया गया था.